देव दीपावली
काशी मे देव दीपावली
किछु वरख से पूरा देश आ विदेश मे आकर्षण क केंद्र बनल अछि . वोहि दिन साँझ होयते
बनारस क ८० से अधिक घाट दीप क रौशनी से जगमगा उठैत अछि . माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी जिनकर संसदीय
क्षेत्र सेहो बनारस अछि अहि महोत्सव से काफी प्रभावित भ पिछला साल बनारस क एक तरहे
सांस्कृतिक पहचान बनि चुकल देव दीपावली क नयनाभिराम दृश्य अपन टूइटर पर सेहो देने
छला . ई महोत्सव दिवाली क १५ दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा क दिन मनौल जायत अछि . ओही दिन मिथिला क महत्वपूर्ण पावैन सामा चकेवा
सेहो पूरा मिथिला क संग बनारस मे सेहो मनौल जायत अछि .
ई महोत्सव काशी मे
१९१५ ई . से मनायेल जायेत अछि . . एकर मनेवाक बहुत रास मान्यता अछि . सामा चकेवा
बनारस स्टेट क रामनगर फोर्ट मे सेहो मनायौल जायत छल . कुंवर ईशान बतवैत छैथ जे
महारानी साहिबा अपन ननिहाल मिथिला क शिवहर स्टेट से अहि परम्परा के काशी आनने छली
. वो पैग विदुषी छली . वो स्कन्द पुराण क कथा सुना के प्रम्परक शास्त्रीयता
प्रमाणित केने छली . वो हमर नानी हजूर छली . हुनकर कहब छल जे इ परम्परा पहिनो काशी
में छल . अहि उत्सव के हमर माताश्री आ दीदी सेहो मनबैत छली . हम भाई सब सेहो बेस
अन्नंद करैत छलौंह . सामा के वोहि दिन साँझ मे गंगाजी मे विसर्जन होयत छल आ खौंछ
भरवाक रस्म सेहो होयत छल जही में बहिन भाई के चुडा – दही दैत छली आ भाई बहिन के
वोहि मे से निकैल के दैत छलाह . एकर अर्थ छल कि भाई – बहिन सदिखन बांट के जोवन क
सुख पोउत . समां के चुरा – दही खुआ सिंदूर से सजा आ खोइछा d के विदा काएल जायत छल
. विदाई काल शहनाई सेहो बजैत छल जेना सामा के सासुर विदाई भ रहल हो l जगमग दीप क संग सामा
के गंगाजी मे विसर्जन वास्तव मे दिव्य लगैत छल . काशी अऔर मिथिला क परम्परा क काशी
मे ई अद्वितीय मेल छल .
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