महाराजा कामेश्वर सिंह की सम्पतियों ,कीर्ति के बारे में आप सभी परिचित होंगे। मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से उनके विचारों जो उन्होंने १९३४ के भूकम्प के महात्रासदी के समय इंडिया पोस्ट को दिये इंटरव्यू ,हिन्दू यूनिवर्सिटी और कौंसिल ऑफ़ स्टेट के सम्बोधन को आप के बीच रखा।हम उन्हें दरभंगा के महाराजा के रूप में जानते हैं लेकिन वास्तव में एक सच्चे राष्ट्र भक्त और देश के अग्रणी राजनेता थे , कांग्रेस को मजबूत करने,गोलमेज कॉन्फ्रेंस में भाग लेने ,संविधान सभा के सदस्य और कौंसिल ऑफ़ स्टेट ,राज्य सभा के सदस्य के रूप में गहरा योग्यदान था ,गांधीजी ,राजेंद्र प्रसाद जैसे देश के प्रमुख नेता से उनके तालुकात थे। आजादी के बाद उनके कांग्रेस से मतभेद थे जो पारम्परिक मूल्य को बरक़रार रखने को लेकर और स्वतंत्र कल -कारखाने और निजी स्वामित्व को लेकर था। कांग्रेस से अलग होकर सी राजगोपालाचारी( जो मौन्टबेटेन के बाद पहले भारतीय गवर्नर जनरल बने ,पटेल के बाद गृह मंत्री ,मद्रास के पहले मुख्यमंत्री) ने कांग्रेस के नागपुर सेशन के तुरंत बाद मद्रास में सन १९५९ में महाराजा कामेश्वर सिंह की परिकल्पना पर कांग्रेस के नीति के विरोध में स्वतंत्र पार्टी के निर्माण की घोषणा की। तो आये जाने --- C. Rajagopalachari: Biography from Answers.com
No comments:
Post a Comment