बागमती के किनारे आम और लीची बागान सहित ६१ बीघा जमीन महाराजा कामेश्वर सिंह ने मिथिला रिसर्च इंस्टिट्यूट के स्थापना के लिए दान दिए . उक्त इंस्टिट्यूट की स्थापना देश के प्रथम राष्ट्रपति डा . राजेंद्र प्रसाद के करकमलों द्वारा १९५१ में दरभंगा के कबराघाट के महेशनगर परिसर में हुआ . महेशनगर के नाम को लेकर एक मजेदार वाकया है .उन दिनों बिहार सरकार में एक मंत्री महेश सिंह हुआ करते थे . लोगों को महेशनगर उनके नाम पर होने की ग़लतफ़हमी हो गयी जिसको लेकर तत्कालीन सी ऍम श्री कृष्ण सिंह खुश नहीं थे . सी ऍम के ग्रुप ने महेश सिंह के नाम पर इस इंस्टिट्यूट का नाम रखने पर विधान सभा में क्वेश्चन किया जब बतलाया गया कि महेश नगर महाराज के पूर्वज म म महेश ठाकुर के नाम पर है तो विधान सभा में हंसी फुट पड़ी थी .
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