कोर्ट ऑफ़ वार्डस के दौरान महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह मात्र दो साल के थे उन्हें बहुत ही योग्य सहृदय इंग्लिश शिझक मिस्टर चेस्टर मैनहटन ( Macnaghten ) से शिझा मिली . चेस्टर को उसके बाद राजकुमार कॉलेज , राजकोट का पहला प्रिंसिपल बनाया गया . यह राजकोट के केंद्र में स्थित है। राजकुमार कॉलेज, इस शहर का सबसे पुराना कॉलेज और शिक्षा केंद्र है। इसकी स्थापना, कठियावाड शाही परिवार के युवाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी ताकि वह सफल शासक और अच्छे इंसान बन सकें। यह कॉलेज 1868 में अस्तित्व में आया और आधिकारिक तौर पर इसका उद्घाटन 1870 में किया गया.यह २६ एकड़ में है . इसमें पोरबंदर , कच्छ , भावनगर , नवानगर के महाराजकुमार ने शिझा ग्रहण की . महाराजा रंजीत सिंहजी (क्रिकेट ) भी विद्यार्थी रहे . वर्तमान में इसकी फ़ीस ४- ६ लाख प्रति वर्ष है .
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