यज्ञोपवीत समारोह
दरभंगा को समझने के लिए समय , स्थान और सन्दर्भ को जानना जरुरी है।शादी समारोह की चर्चा तो हमने खूब सुनी है आज मैं दरभंगा में हुए एक यज्ञोपवीत का चर्चा करेंगे। ६ फ़रवरी से ९ फरवरी १९४१ को दरभंगा में हुए इस यज्ञोपवीत में जयपुर , जोधपुर , बनारस ,ग्वालियर,धौलपुर , कश्मीर ,टेकारी ,त्रिपुरा ,कूचबिहार ,मयूरभंज ,डुमराऊँ ,बर्दवान ,नेपाल , कसिमबाज़ार ,रामगढ ,छोटानागपुर ,मुंगेर, शिवहर , कपूरथला ,हैदराबाद,पयागपुर ,ओइल ,पंसबकोटे,पटियाला आदि के राजा - महाराजा तथा उनके प्रतिनिधि ,डा राजेंद्र प्रसाद,सर्वपल्ली राधाकृष्णन ,नवाब सर के जी ऍम फारूकी , माननीय राजयपाल बिहार ,माननीय हूसैन इमाम ,रायबहादुर राधाकृष्ण जालान ,पंडित दौर्गादत्ती शास्त्री ,गोस्वामी गणेशदत्तजी ,महामहोपाध्याय पंडित हरिहर कृपालु ,के पी सिन्हा ,I.C.S ,रायबहादुर एस एन सहाय ,M.L.A ,रायबहादुर श्रीनारायण मेहता , रायबहादुर लाला रामसरन दास ,एन सेनापरी ,I.C. S ,एस.एम. धर ,I.C.S ,सी.पी.एन सिन्हा ,M.L.A , महामहोपाध्याय डा. सर गंगानाथ झा ,डा.अमरनाथ झा, जैसे देश के गणमान्य लोगों ने शिरकत की। इस समारोह में किया सब कार्यक्रम हुआ यह थोड़ी देर में। पहले बता दूँ कि उन्हें दरभंगा में कहाँ ठहराया गया था। आनन्दबाग बाग और रामबाग पैलेस को छोड़कर नरगौना पैलेस ,बेला पैलेस ,राज गेस्ट हाउस (वर्तमान में महात्मा गांधी अतिथिशाला ),विश्राम कुटीर ( इनकम टैक्स ऑफिस ),लालबाग़ गेस्ट हाउस ,हराही हाउस ,बंगला नंबर ६ डेनबी रोड और गिरीन्द्र मोहन रोड स्थित बंगलों और रेलवे सैलून,कैंप मानसरोवर ,राज मैदान , विशेश्वर मैदान में अतिथियों का ठहरने का इंतजाम था. अतिथियों को लाने- ले- जाने के लिए बग्घी , सजे हुए हाथी का रथ तथा कार मौजीद थे , इन सभी ठहरने के जगहों पर चाय- नाश्ता और खाने का बंदोबस्त था।अतिथियों की आगवानी महाराजा कामेश्वर सिंह और राजा बहादुर विशेस्वर सिंह पाग के साथ मिथिला के परिधान में हवाई अड्डा ,रेलवे स्टेशन पर स्वयं कर रहे थे। रामबाग में ८. ३० बजे पूर्वाह्न से २. ३० बजे अपराह्न में वैदिक समारोह ,३ बजे से टेनिस ,स्क्वाश ,स्पोर्ट्स,कुश्ती ,पोलो ,फुटबॉल,शाम में आतिशबाजी , बैंक्वेट ,संस्कृत ड्रामा ,हिंदी फिल्म' स्ट्रीट सिंगर' ,ख्याति प्राप्त नर्तक उदयशंकर का भारतीय शास्त्रीय नृत्य ,कैब्रेट ,पंडितों को राधाकृष्णन का सम्बोधन और धोती भेंट कर सम्मानित किया जाना ,उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का शहनाई वादन ,शास्त्रीय संगीत तथा आनन्दबाग में गार्डेन पार्टी का आयोजन चारों दिन था।रौशनी से जगमगता सड़क ऐसा कि सुई भी गिरे रात में तो मिल जाय. रामबाग के आंगन के जिस मंडप पर वैदिक कार्यक्रम था उसी के बगल में सामानांतर पक्का चबूतरा राजा - महाराजा के बैठने के लिए था। दरभंगा देश - विदेश के अतिथियों से अट्टापट्टा था कोई दरभंगा की खूबसूरती और वैभव देख कर मंत्रमुग्ध था तो कोई इस शहर के भाग्य से ईष्या कर रहा था परन्तु कुछ गरीबों के लिए सोच रहे थे।
इसी कालखण्ड में ७ फ़रवरी को १२. १० बजे कामेश्वरी प्रिया पुअर होम का उद्घाटन महामहिम राज्यपाल,बिहार द्वारा दरभंगा में हुआ।
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