इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट स्कीम क क्षेत्र से राज क महल
आ राज क मकान आ इलाका बाहर राखल गेल l राजक एरिया क स्कीम क तहत पुनर्निर्माण क
जिम्मा राज स्वयं लेलक अओर बहुत् रास जमीन मुह्मांगा दाम पर खरीद के निश्चित योजना क अनुरूप दरभंगा राज अपन श्रोत से
पुनर्निर्माण शरू केलक l १९३४ क भूकंप क ढेढ़ साल क भितर बरबादी क चिन्ह मिटा देल गेल l
मलबा हटा देल गेल जहि से करीब १०००० टका प्राप्त भेल रहे आ सुन्नर बंगला , आवास आ
सड़क स वो एरिया खिल उठल l एकर श्रेय मुख्यतः संवेदक के अछि जे हुनका सुपुर्द देल गेल काज के तत्परता आ
सम्पूर्णता क संग पूरा करवा मे कोनो कोर
कसेर नहि रखलैत l
पुरना नरगोना क जगह पर इंग्लैंड क
कंपनी मैकिनटोश बर्न नव महल बनौलक जे तागतवर
कंक्रीट निर्माण क अंतिम शब्द अछि
l एकरा सोम्य मुदा कलात्मक रूप मे सजौल गेल आ आइ तक क हिसाब से सब
उपकरण लगौल गेल l अधिकांश फर्नीचर कलिम्पोंग आर्ट्स आ क्राफ्ट्स
से आपूर्ती भेल l विद्दुत क सब सामान जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी ,इंग्लैंड क द्वारा
कैल गेल l कोठली क रंग रोगन स्कीम शानदार अछि आ महल क हरेक कोन आधुनिकता क मोहर
अछि l आराम आ सफाई एकर विशिष्ट खूबी अछि l हर कोठली शीत नियंत्रित l महल क भवन क
भीतर तरणताल !लिफ्ट क सुविधा l
नव
राजक मुख्यालय भवन (वर्तमान मे ल. ना. मिथिला विश्वविदयालय क मुख्यालय) बहुत पैग संरचना जेकर
बनबे क श्रेय फेर मेसर्स मैकिनटोश बर्न के जायत अछि l राज क काज –व्यापार
के सुभिधापूर्ण आ दझता से चलेवाक लेल सब एक जगह केन्द्रित l कोषागार आ रिकॉर्ड रूम
के सुरक्षl आ ढंग से सावधानीपूर्वक
नियोजित l मुख्यालय भवन क सामने उद्यान मे तीन ता संगमरमर क मान्छ क मुंह से
निकलैत पानि क फब्बारा अहि भवन क शोभा के अतुलनीय क देलक l
राज मुख्यालय मुख्य मार्ग पर स्थित १९ वीं
शदी मे इंग्लैंड क वास्तुविद क बनौल महल आनंदबाग महल वर्तमान मे कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय
मे कोनो बदलाव नहि कायल गेल ओकर पुरना स्वरुप यथावत राखल गेल l एकर टावर लंदन क बिगबेन क तर्ज पर अहि महल मे लिफ्ट क सुविधा सेहो छल l
वोहिना रामबाग महल क
स्वरुप भूकंप से पहुलके जेना राखल गेल l
कंकाली मंदिर दिल्ली क सरदार इन्द्रजीत सिंह
द्वारा पुरने नक्शा क अनुरूप निर्मित भेल l
राज पुस्तकालय भवन
ब्रिटानिया बिल्डिंग्स द्वारा बनौल गेल जेकर एक निदेशक श्री बामा प्रसाद मुकर्जी
जे प्रख्यात शिझाविद सर आसुतोष मुकर्जी क पुत्र छैथ वो बहुत बेसी व्यक्तिगत
अभिरुचि एकर निर्माण में लेलैथ l
सनातन पंथी हिन्दू अतिथि के जरुरत से मेल खायत गेस्ट
हाउस जे विश्राम कुटीर कहैत अछि , क
निर्माण करौल गेल l
पूरा हराही , कहियो
सबसे गलीच क्वार्टर छल आब राजक पदाधिकारी आ कर्मचारी क सुन्नर आवास से पूर्ण अछि आ टीशन
से महल क सैर नव निर्मित गिरीन्द्र मोहन
पथ से भ के या डेनबी पथ केकरो अचरज आ प्रशंषा से भरि देत जहि हद तक सम्पूर्णता से काज पूरा भेल l
राज
इलाका क सबसे नव जोड़ रामेश्वर प्लेस अछि जे चौरंगी क नाम से जानल जायत अछि l एकर .डिजाईन कर्नल टेम्पल आ निर्माण मैकिनटोश बर्न
केलैथ l एकर मध्य मे बिहार क निर्माता मे एक स्व . महाराजाधिराज रामेश्वर सिंह क संगमरमर क आदमकद मूर्ति क
अनावरण ३० नवम्बर १९३५ क भारत क वाइसराय आ गवर्नर जनरल क हाथ से संपन्न भेल l एकर चारू कात घुमावदार
सीमेंट क बेंच लोक के बैसवाक लेल घर बनल
अछि आ अहिठाम से चारू दिशा मे चारि टा पथ निकलैत अछि पूब किला ,पछिम माधवेश्वर ,दखिन
राज मुख्यालय ,आनंदबाग आ उतर दिश राज हस्पताल जेकर भवन क शिलान्यास भारत क वाइसराय आ गवर्नर –जनरल द्वारा सेहो एके दिन भेल
.अहि हस्पताल क भवन क उद्घाटन १२ दिसम्बर १९३६ क बिहार क महामहिम राज्यपाल मिस्टर जेम्स डेविड सिफ्टन द्वारा संपन्न भेल l
एकर निर्माण मेसर्स मार्टिन & कंपनी , कोलकाता द्वारा कायल गेल l
बेला पैलेस( वर्तमान मे पोस्टल एंड ट्रेनिंग सेंटर) क नाम से
मशहूर महल क निर्माण महाराजाधिराज क
भाई राजा बहादुर विशेश्वर सिंह क लेल भेल अहि
महल क प्रांगन म बाघ क घर सेहो
सड़क कात से बनौल गेल चूँकि राजा
बहादुर बाघ पोसवाक शौखिन सेहो छला lओहि महल मे खुबसूरत ऑडिटोरियम सेहो अछि l
रामेश्वरी
लता संस्कृत विद्यालय भवन जे हराही क
उत्तर स्थित अछि के नव निर्माण सेहो करौल गेल l
दरभंगा इम्प्रूवमेंट
ट्रस्ट द्वारा दभंगा टावर क नजदीक गोल मार्केट क निर्माण भेल जहि मे जाय लेल चारू
दिश से पथ बनल आ मध्य मे पोखैर आ पार्क जे
दिल्ली क कनाट प्लेस से कम नहि छल l
मिर्जापुर स्थित
महारानीअधिरानी कामेश्वरी प्रिया पुअर होम क शिलान्यास ७ फ़रवरी १९४१ के महामहिम
राज्यपाल ,बिहार क द्वारा भेल l
सब बिना एको अपवाद
के भुकम्ररोधी बनल आ आधुनिक शहर क अनुरूप बनल l