
 माधवेश्वर महादेव  मंदिर , कामेश्वरनगर , दरभंगा . 
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 दरभंगा  स्थित  श्यामा  मन्दिर   जाहि प्रांगण  में  अवस्थित  अछि  वोहि  परिसर  क नाम  अछि माधवेश्वर प्रांगण और  वोहि अहाता क  सबसे साबिक आ पैग  माधवेश्वर महादेव  मंदिर अछि जे    अहाता  मे प्रवेश  करते  दक्षिण  मे  अछि  जेकर  प्रवेश  पूर्व  से . मंदिर प्रांगण क प्रवेशद्वार पर घंटा  टाँगल अछि . प्रवेश करैत इक पैग आँगन  जाहि मे गंगा  माता  क  मंदिर  ओकर   बाद  मुख्य  मंदिर  क प्रवेश  द्वार  पर गणेश और हनुमानजी क आकृति बनल अछि ओकर बाद मुख्य गुमंदनुमा हॉल में शिवलिंग स्थापित छैथ .  प्रवेश पूरब से और निकास दक्षिण द्वार से जे आँगन में निकलैत अछि . महादेव मंदिर के ठीक सोझे पोखैर  जेकर मध्य में पाथरक जैठ और कछैर में बहुत सुन्दर पक्का  घाट  और बैसवा लेल  दुनू बगली  पक्का बेंच बनल और पीपर क गाछ . अहिठाम किछु काल बैसला से अनुभूति होयत अछि जे काशी क घाट पर बैसल छी . कहानी ई अछि जे 
महाराज माधव सिंह (राजकाल १७७५ - १८०७ )  भौरागढ़ी , मधुबनी सँ अपन राजधानी दरभंगा स्थानांतरित केलाक बाद दरभंगा में  इक शिवमंदिर क निर्माण क इक टा पोखरि यज्ञ क खुनबेलैत . महाराज माधव सिंह प्रातः सबसे पहिने माधवेश्वर महादेव क मंदिर क शिखरस्थ त्रिशूल क दर्शन करथि . मान्यता छैक जे मंदिर परक त्रिशूल क दर्शन सँ देवदर्शनक फल होयत छैक . महाराज परम शिवभक्त छलाह ओ सौराठ सभा में सेहो मंदिर , पोखैर , इनार खुनबेने रहैथ . वो अंतिम समय में काशीवास् करवा लेल चली गेला ओतहु मीरघाट धर्मकूप महल्ला में शिवमंदिर मंदिर बनौलैथ  संगहि धर्मशाला क निर्माण सेहो करौलनि .
 
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