दरभंगा राज के पतन के बाद लोगों के जनमानस से करीब करीब लुप्त हो चुके उनका कृतित्व के जगह कई तरह की भ्रान्ति ने अपना स्थान बना लिया था l देवी कृपा से सर्वप्रथम दरभंगा राजपरिवार के शमशान माधवेश्वर परिसर में महाराजाधिराज रामेश्वर सिंह की चिता पर दरभंगा राज के अंतिम महाराजाधिराज डा . कामेश्वर सिंह द्वारा बनवाये गये लालपथर का भव्य मंदिर जिसमे माँ श्यामा काली की विशाल प्रतिमा प्रतिष्ठित हैं , ने लोगों को आकर्षित करना शुरू किया और लोगों के बीच आस्था का मुख्य केंद्र हो गया l इसी के साथ भारत के महान साधक महाराजाधिराज रामेश्वर सिंह की चर्चा होने लगी और राजनगर में बनाये गये उनके भव्य महलों और मंदिरों से युक्त परिसर की भूकंप से हुई त्रासदी पर ध्यान गया फिर बिहार के शताब्दी वर्ष में चौरंगी पर स्थित विशाल आदमकद मूर्ति पर लोगों का ध्यान गया फिर तो दरभंगा राज की चर्चा लोगों की जुबान पर आ गयी और दरभंगावाशी को दरभंगा राज पर फख्र होने लगा और फेसबुक के माध्यम से दरभंगा राज से सम्बंधित सकारात्मक तथ्य संग्रह होते चले गये जिसके सामने सब बौने नजर आने लगे l लोग दरभंगा राज के धरोहर को संरझित करने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं और इस राज परिवार के कृतित्व ने पुनः इसे जनमानस में ला दिया l
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